हिंदू धर्म मे शंख को बहुत पवित्र माना जाता है। किसी भी शुभ कार्यो में शंख का प्रयोग किया जाता है। घर के मंदिर में शंख में जल भरकर रखना बहुत ही शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि झए तक शंक की ध्वनि पहुंचती है वह तक सभी नकारात्मक शक्तियां नष्ट हो जाती है। शंख का हमारे हिंदू धर्म में बड़ा महत्तव होता है, वैसे शंख मुख्य रूप से एक समुद्री जीव का एक ढांचा होता है। हिंदू धर्म या फिर कहे पौराणिक रूप से शंख की उत्पत्ति समुद्र से मानी जाती है और कहीं कहीं पर इसको लक्ष्मी जी का भाई भी माना जाता है
आईये जानते है हिंदू धर्म मे शंख के बारे में कुछ बाते
शंख की उत्पत्ति
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार शंख की उत्पत्ति समुन्द्र से हुई है ।लक्ष्मी जी भी समुद्रराज की पुत्री मानी जाती है इस कारण शंख को लक्ष्मी का भाई भी कहा जाता हैं। इसलिए कहते है जहाँ शंख का वास होता है वहाँ लक्ष्मी का वास भी होता है। धर्मशास्त्रों के अनुसार शंख समुन्द्र मंथन में प्राप्त 14 रत्नों में से एक है। शिवपुराण के अनुसार शंखचूड नाम का एक महापराक्रमी राक्षस था तथा विष्णु भगवान का भक्त था उसका अत्याचार बढ़ने पर उसका वध भगवान शंकर ने किया था। इसी कारण शंख से भगवान शिव की पूजा को निषेध माना है।
शंख का उपयोग
अगर सफेद रंग का नया शंख खरीद हो तो उसे दूध और गंगाजल से शुद्ध करके गुलाबी वस्त्र में लपेटकर पूजास्थल में रखे। शंख को पूजा में सुबह शाम प्रयोग करे ।पूजा के शरू में शंख तीन बार बजाए।शंख को हमेशा प्रयोग करने के बाद धोकर ही रखे। शंख को वास्तुदोष को दूर करने में सहायक मानते है ।मान्यता हे शंख में लाल गाय का दूध भरकर भवन में छिड़काव करने से वास्तुदोष दूर होते है। यदि व्यापार में छीटोंहो रहा हो या आय न हो रही हो तो एक मोती शंख दुकान के ग़ल्ले में रखे। व्यापार में उन्नति होगी। वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर किसी को प्रसिद्धि पानी हो तो उसे लिविंग रूम में दक्षिण दिशा में शंख रखे।ऐसा करने से नाम और प्रशिद्धि बढ़ती है। शंख में भरा जल अगर अपने शरीर पर छिड़के तो सभी पापो का विनाश होता है।यही कारण है कि मंदिरों में आरती के बाद शंख से जल छिड़क जाता है। दक्षिणवर्ती शंक को रखने से उस स्थान का भूमि दोष समाप्त हो जाता है। माता लक्ष्मी की मूर्ति के पास शंख रखने से घर मे धन वैभव ओर समृद्धि बढ़ती है। बच्चों को शंख में जल भरकर पिलाने सेउनकी आवाज़ साफ होती है।और उनकी बौद्धिक विकास होता है। अगर आपसी रिश्तों में खटपट चल रही हो तो लिविंग रूम में दक्षिण पूर्व दिशा में शंख रखे।संबंधों में मधुरता आती हैं। शंख के प्रयोग से वाक शक्ति भी शुद्ध होती है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण
शंख में कैल्शियम, फास्फोरस ओर गंधक की मात्रा होती है जिससे शंख में भरे जल में अनेक लाभकारी तत्व शामिल हो जाते है जिससे जल को पीने से शरीर रोगडुनाशक बनता है। शंख में थोड़ा सा चुने का पानी भरकर पीने से कैल्शियम की पूर्ति होती है।शंख के नियमित प्रयोग से ह्रदय ओर फेफड़े की बीमारियों की संभावना कम हो जाती है। वैज्ञानिको के अनुसार शंख की ध्वनि से वातावरण में मौजूद बैक्टीरिया नष्ट हो जाते है।
इसी प्रकार शंख के जल के सेवन से आंख की रोशनी शंख के जल के छीटों से बच्चे की नज़र उतारी जाती हैं।
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